
नोट: संगठन के उद्देश्य फॉर्म के निचे पढ़े
राष्ट्रीय जीनगर एकता परिषद् से जुड़ने के लिए निम्न आवेदन पत्र भरें
सम्मानित जीनगर बन्धुओ
सादर नमस्कार
माननीय समाज बन्धुओ समाज की विचलित परिस्थितियों और समाज की सामाजिक असमानता को अगर एक जाजम पर लाना है तो पहले एक राष्ट्रीय संगठन की जरूरत होती है, ऐसा संगठन जो सामाजिक विकास के लिए समाज बन्धुओ द्वारा समाज से चलाया जाए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर जीनगर शब्द और जाति की पहचान बन सके।
हाल के दौर में अपना समाज वर्ग, गोत्र, और पट्टीवाद में विभाजित है हमे संकल्प करना है की इन सभी को “एक-जीनगर नेक-जीनगर” बनाने का पूर्ण प्रयास करना चाहिए।समाज के सम्मानित सभ्यो आज तक कई क्षेत्रो में समाज के कई संगठनों का निर्माण हुआ ओर कई संगठन भू-गर्भ में समाहित भी हो गए, किन्तु आज तक किसी भी संगठन या मंच ने समाज को एक सूत्र में पिरोकर राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की बात नही की ना ही निजी हाथों से छोड़ कर समाज को समर्पित किया।
जिसका नतीजा ये है कि आज आजादी के इतने सालों बाद भी समाज का ऐसा कोई संगठन नही है जो हमारे हक की बात राष्ट्रीय स्तर पर रख सके।
अखिल भारतीय जीनगर समाज के सम्मानित बन्धुओ,
हाल की परिस्थितियों को ध्यान में रख कर एक राष्ट्रीय स्तर पर समाज की खण्डता को अखण्डता में बदलने का एक छोटा सा प्रयास है,
“राष्ट्रीय जीनगर एकता परिषद”
यह संगठन या परिषद आपके द्वारा आपके हक के लिए गठित किया जा रहा है,
जैसा कि आप सभी को विदित है कि समाज मे कई मंच है कई संगठन है किंतु सभी की विचारधारा और नीति-निर्णय अलग-अलग है,
एक सूत्र ओर नीति के आधार पर चलने वाले समाज के राष्ट्रीय मुद्दों को उच्च स्तर तक रखना और अपने समाज के हक की बात को इस देश की नीति निर्णयों में लाना इस विचारधारा पर आज तक किसी ने भी अमल नही किया। जीनगर समाज के हित में किसी भी प्रकार के एकता रूपी प्रदर्शन ओर वैचारिक मुद्दों की मांग के लिए ओर समाज के हक ओर अधिकार को राष्ट्रीय स्तर पर एक सूत्र में रखने के लिए इस संगठन को स्थापित किया जा रहा है।
इस संगठन का मूलभूत उद्देश्य समाज की राष्ट्रीय एकता को प्रदर्शित कर जीनगर समाज को एक बैनर के तले एक समान जाजम स्थापित करना है। आज देश मे भिन्न-भिन्न संगठनों के निर्माण और धन-संग्रह से विचलित समाज के मन मे कई तरह के सवालों का घेरा उत्पन्न होना वाजबी है किंतु हमारे ओर आप के संगठन “राष्ट्रीय जीनगर एकता परिषद” का उद्देश्य समाज से धन संग्रहण कर के अपवाद उत्पन्न करना कतई नही है।
ओर ना ही समाज से धन एकत्रित करके समाज की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करना है। अब बात करते है इस राष्ट्रीय संगठन के सामाजिक मुद्दों की जिन के आधार ओर इस “जीनगर राष्ट्रीय एकता परिषद” का गठन किया गया है।
सर्वप्रथम ये परिषद किसी भी प्रकार की विशेष राजनीतिक विचारधारा को समर्थन नहीं करता है। जनता द्वारा चुनी हुई सरकार से समाजहित नीतियों को अधिकाधिक सदुपयोग करना ओर समाज की सामाजिक अग्रेसित अपेक्षाओ से सरकार को अवगत करवाना इस संगठन का उद्देश्य रहेगा।
युवाओं की प्रज्वलित सोच एवं समाज की आवश्यकताओं को इस मंच के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा ओर समाज के युवाओं के समान हक के लिए हर सम्भव प्रयास किया जायेगा और निम्न धरातल स्तर तक समाज हित मे यह संगठन/परिषद कार्य करेगा।
आज का युग समानता वाला युग है किंतु अपने समाज की गठित समितियो ने कभी नारी हक की बात को महत्व नही दिया ओर ना ही उन्हें मुख्य भूमिका में रखा है, अपने समाज मे इंदिरा गांधी ओर सुनीता विलियम्स जैसी प्रतिभाओ की कमी नही है बस कमी है तो उन्हें उचित मंच की, ये संगठन महिला शक्ति और महिला सम्मान के लिए अग्रेषित रहेगा।
माननीय समाज बन्धुओ अपना समाज युगों युगों से शोषित वर्ग रहा है ओर समय-समय पर इसका शोषण होता रहा है ओर उचित स्थान नही मिला, जिसका कारण ये नही है की देश के शासन ने या देश के अन्य वर्ग ने हमे आगे आने की तव्वजो नही दी बल्कि उसका कारण ये है कि हम कभी आगे बढ़े ही नही हम ने राष्ट्रीय स्तर तक सोचा ही नही।
समाज बन्धुओ आज समय और हाल की परिस्थितियों को देखते हमे सभी को मजदूर वर्ग, व्यपारी वर्ग, अधिकारी वर्ग, राजनीतिक वर्ग, कर्मचारी वर्ग, युवा वर्ग, बुद्धिजीवी वर्ग, को मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर “एक जाजम-एक समाज” की सोच को कायम करना होगा ताकि समाज के हक की बात हम स्वयं खुद के आधार पर रख सके “जीनगर” नाम काफी हो पहचान देने के लिए।
इसी आशा और अपेक्षाओ के आधार पर इस “राष्ट्रीय जीनगर एकता परिषद” गठन किया गया है जो सदैव आपके हक के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ी रहे…..
आभार
सादर
राष्ट्रीय जीनगर एकता परिषद
:सौजन्य से बीइंग जीनगर ट्रस्ट,दिल्ली